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सहकारी समिति (cooperative) लोगों का ऐसा संघ है जो अपने पारस्परिक लाभ (सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक) के लिए स्वेच्छापूर्वक सहयोग करते हैं।मराठीत लिहा
औद्योगिक क्रांति के कारण आर्थिक तथा समाजिक असंतुलन के परिणाम स्वरूप भारत में सहकारी आंदोलन की शुरूआत हुई। पूँजीवादी देश जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान और समाजवादी देश दोनों प्रकार के देशों में सहकारी समितियों ने विशेष स्थान बनाया है।
'सहकारी' शब्द का अर्थ है- 'साथ मिलकर कार्य करना'। इसका अर्थ हुआ कि ऐसे व्यक्ति जो समान आर्थिक उद्देश्य के लिए साथ मिलकर काम करना चाहते हैं वे समिति बना सकते हैं। इसे ‘सहकारी समिति’ कहते हैं। यह ऐसे व्यक्तियों की स्वयंसेवी संस्था है जो अपने आर्थिक हितों के लिए कार्य करते हैं। यह अपनी सहायता स्वयं और परस्पर सहायता के सिद्धान्त पर कार्य करती है। सहकारी समिति में कोई भी सदस्य व्यक्तिगत लाभ के लिए कार्य नहीं करता है। इसके सभी सदस्य अपने-अपने संसाधनों को एकत्रा कर उनका अधिकतम उपयोग कर कुछ लाभ प्राप्त करते हैं, जिसे वह आपस में बांट लेते हैं।
सहकारी समिति, संगठन का एक प्रकार है जिसमें व्यक्ति अपनी इच्छा से, समानता के आधार पर अपने आर्थिक हितों के लिए मिलकर कार्य करते हैं। उदाहरणार्थ, एक विशेष बस्ती के विद्यार्थी विभिन्न कक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु एकत्रा होकर एक सहकारी समिति बनाते हैं। अब वे प्रकाशकों से सीधे ही पुस्तकें क्रय करके विद्यार्थियों को सस्ते दामों पर बेचते हैं। क्योंकि वे सीधे प्रकाशकों से ही पुस्तकें क्रय करते हैं इसलिए मध्यस्थों के लाभ का उन्मूलन होता है।
सहकारी समितियों का वर्गीकरण उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की प्रकृति के आधार पर किया जा सकता है। सहकारी समितियों के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं :
व्यावसायिक संगठन के सहकारी स्वरूप के निम्नलिखित लाभ हैं :
उपरोक्त लाभों के अतिरिक्त सहकारी समिति संगठन की कुछ सीमाएं भी है।
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